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Showing posts from September, 2019

Sindhi Jhulelal Aarti

चेटी चंड जैसे त्यौहारों तथा सिंधी समाज के अन्य कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा गाई जाने वाली आरती। भगवान झूलेलाल के प्रत्येक मंदिर में यह आरती सुवह-शाम अवश्य गायी जाती है। ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली । दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ - दुखियनि खे दारुं । पाए मन जूं मुरादूं, सेवक कनि थारू ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ फल फूलमेवा सब्जिऊ, पोखनि मंझि पचिन । तुहिजे महिर मयासा अन्न, बि आपर अपार थियनी ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ ज्योति जगे थी जगु में, लाल तुहिंजी लाली । अमरलाल अचु मूं वटी, हे विश्व संदा वाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ जगु जा जीव सभेई, पाणिअ बिन प्यास । जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ॥ ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥