चेटी चंड जैसे त्यौहारों तथा सिंधी समाज के अन्य कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा गाई जाने वाली आरती। भगवान झूलेलाल के प्रत्येक मंदिर में यह आरती सुवह-शाम अवश्य गायी जाती है। ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥ तुहिंजे दर दे केई, सजण अचनि सवाली । दान वठन सभु दिलि, सां कोन दिठुभ खाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ अंधड़नि खे दिनव, अखडियूँ - दुखियनि खे दारुं । पाए मन जूं मुरादूं, सेवक कनि थारू ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ फल फूलमेवा सब्जिऊ, पोखनि मंझि पचिन । तुहिजे महिर मयासा अन्न, बि आपर अपार थियनी ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ ज्योति जगे थी जगु में, लाल तुहिंजी लाली । अमरलाल अचु मूं वटी, हे विश्व संदा वाली ॥ ॥ ॐ जय दूलह देवा...॥ जगु जा जीव सभेई, पाणिअ बिन प्यास । जेठानंद आनंद कर, पूरन करियो आशा ॥ ॐ जय दूलह देवा, साईं जय दूलह देवा । पूजा कनि था प्रेमी, सिदुक रखी सेवा ॥
Jeko Chavando Jhule Laal Tehenjaa Thindaa Beraa Paar. Beraa Par, Sadaa Bahaar